Swami Vivekananda Birthday as National Youth Day
राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाते हैं?
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National Youth Day |
संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है असंभव से भी आगे निकल जाना. ऐसा संदेश देने वाले युवाओं को प्रेरणा स्रोत समाज सुधारक स्वामी विवेकानंद जी किसी भी देश का भविष्य उसकी युवाओं पर निर्भर करता है।
एक नई प्रतिमा के आ जाने से ना सिर्फ देश की प्रगति होती है बल्कि देश का विकास भी सही राह पर होता है. देश के युवाओं को सही मार्ग दर्शन के लिए हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय युवा दिवस इसी दिन क्यों मनाया जाता है।
आइए आज इस वीडियो के माध्यम से आपको बताते हैं. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 18 को कलकत्ता में हुआ था. उनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस थे. उन्होंने 25 वर्ष की अवस्था में गेरुआ वस्त्र पहन लिया था।
तत्पश्चात उन्होंने पैदल ही पूरे भारत वर्ष की यात्रा की. उन्होंने 7 18 सौ 93 में अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व कर उसे सार्वभौमिक पहचान दिलाई गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने उनके बारे में कहा था
यदि आप भारत को जानना चाहते है तो विवेकानंद को पढ़िए उन में आप सब कुछ सकारात्मक ही पाएंगे नकारात्मक कुछ भी नहीं महात्मा गौतम बुद्ध के बाद विवेकानंद देश के पहले धार्मिक सांस्कृतिक राजदूत थे उन्होंने दिखाया कि विश्व संस्कृति में भारत का बहुत बड़ा योगदान है
उन्होंने यह भी दिखाया कि विज्ञान और धर्म कौन रेडिकल नहीं बल्कि कॉम्प्लिमेंट हैं उन्होंने पहचान दी कि हम कौन हैं और भारतीय संस्कृति क्या है. इतना ही नहीं उन्होंने हिंदू धर्म के एकीकरण में भी अहम भूमिका निभाई. उन्होंने अपने गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं का प्रचार करने के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की और आधुनिक विश्व के संदर्भ में कई प्राचीन हिंदू शास्त्रों की व्याख्या की उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाने में एक अहम भूमिका निभाई
उन्होंने युवाओं को चरित्र निर्माण की ओर प्रेरित किया और कहा कि मनुष्य को महान बनने के लिए संदेह ईर्ष्या और द्वेष छोड़ना होगा. साथियों का मानना था कि आत्मा का कोई लिंग होता है अतः समाज में महिलाओं का वही स्थान और सम्मान होना चाहिए जो पुरुषों का होता है।
स्वामी विवेकानंद ने युवा वर्ग को चरित्र निर्माण के लिए पांच सूत्र दिए आत्म विश्वास आत्म त्याग आत्म संयम आत्म निर्भरता और आत्म ज्ञान इसमें कोई संदेह की बात नहीं है कि स्वामी विवेकानंदजी ने भारतीय संस्कृति को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दी इसीलिए जब संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 985 को अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया
तब इस बात को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार ने घोषणा की थी कि सन उन्नीस सौ 85 से हर वर्ष 12 जनवरी यानी स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को देश भर में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाए क्योंकि स्वामी जी का दर्शन उनका जीवन तथा कार्य एवं उनके आदर्श भारतीय युवकों के लिए प्रेरणास्रोत साबित हो सकते थे. आइए आपको बताते हैं कि राष्ट्रीय युवा दिवस भारत में कैसे मनाया जाता है।
इस दिन देश भर के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में तरह तरह के कार्यक्रम होते हैं रैलियां निकाली जाती हैं. योगासन की स्पर्धा आयोजित की जाती है. पूजा पाठ होता है व्याख्यान होते हैं और विवेकानंद साहित्य की प्रदर्शनी लगती है।
इसके अलावा स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के अवसर पर देश भर में फैले रामकृष्ण मिशन के केन्द्रों एवं बेलूर मठ में भारतीय संस्कृति और परंपरा को समृद्ध करने हेतु कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. चलिए हम आपको बताते हैं स्वामी विवेकानंद के बारे में कुछ रोचक तथ्य. बचपन में विवेकानंद की मां ने उनका नाम वीरेश्वर रखा था तथा उन्हें बिल्ली कहकर बुलाती थी।
बाद में उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त हो गया. अपने पिता की मृत्यु के बाद स्वामीजी का जीवन गरीबी में बीता. कई बार उनकी मां और बहन को प्रति दिन के भोजन के लिए बहुत ज्यादा संघर्ष करना पड़ता था।
इसीलिए स्वामीजी कई बार दो दो दिन तक भूखे रहते थे ताकि परिवार के अन्य लोगों को पर्याप्त भोजन मिल सके. बीए की डिग्री होने के बावजूद स्वामी विवेकानंद को बहुत ज्यादा नौकरी की तलाश में भटकना पड़ा जिसके कारण वो लगभग नास्तिक हो गए और उनका भगवान पर से विश्वास भी उठ गया था. स्वामी विवेकानंद इतनी ज्यादा सादगी थी कि 18 से 96 में उन्होंने नंदन में कटोरियां भी बनाई थी।
स्वामी विवेकानंद ने भविष्यवाणी की थी कि वो 40 वर्ष की आयु को प्राप्त नहीं कर पाएंगे. उनकी ये बात सच तब साबित हुई जब चार जुलाई उन्नीस सौ दो को जब 39 वर्ष के थे।
उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए उन्होंने समाधि की अवस्था में अपने प्राण त्यागे. उनकी मृत्यु की वजह तीसरी बार दिल का दौरा था एक बार स्वामी विवेकानंद जी विदेश गए जहां उनसे मिलने के लिए बहुत सारे लोग आए हुए थे उन लोगों ने स्वामी विवेकानंद जी से अपना हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे किया और इंग्लिश में हलो बोला जिसका जवाब स्वामी विवेकानंद जी ने बड़ी फिल्म से अपने दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते कर दिया. यह सुनकर वहां उपस्थित सभी लोगों को लगा कि शायद स्वामी जी को अंग्रेजी नहीं आती
अब उनमें से एक व्यक्ति स्वामी जी से पूछा आप कैसी है जिसका जवाब स्वामीजी ने दिया आई ऍम फाइन थैंक्यू तो वहां खड़े सभी लोग आश्चर्य चकित हो गएऔर उन्होंने स्वामी जी से पूछा कि जब हमने आपसे सवाल अंग्रेजी में किया आपने इसका जवाब हिन्दी में दिया और जब हमने आपसे सवाल टुंडी में किया तो आपने उसका जवाब अंग्रेजी मीडिया. इसका क्या कारण है।
तब स्वामी जी ने जवाब दिया जब आप अपनी मां का सम्मान कर रहे थे तब मैंने अपनी मां का सम्मान किया और जब आपने मेरी मां का सम्मान किया तब मैंने आपकी मां का सम्मान किया इसलिए उनका प्रत्येक भारतीय के लिए यह संदेश था
उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए दोस्तो इसीलिए 12 जनवरी को हर वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
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