what is Geeta Jayanti? (गीता जयंती क्या है?) नमस्ते मित्रो, आज आपको हम गीता जयंती की एक अनोखी कहानी सुनाते हैं आज से 70 80 साल पहले हमारा भारत देश जब आजाद नहीं हुआ था उस समय देश को आजाद करने के लिए कई स्वतंत्र सेनानियों ने अपने जान की बाजी लगा दी. महात्मा गांधी सुभाषचंद्र बोस लालबहादुर शास्त्री सरदार वल्लभभाई पटेल कुछउनके नाम तो हम जानते हैं पर कुछ उनके नाम हम बिल्कुल नहीं जानते . उस आम आदमी के नाम तो हम बिल्कुल नहीं जानते. जिन लोगों ने हमारे भारत देश को आजाद करने के लिए बड़ी खुशी खुशी फांसी पर चढ़ जाना स्वीकार कर लिया है. ऐसे कई लोग थे. जब जलियांवाला बाग में एक एक करके अंग्रेजों के सामने आते और बंदूक की गोली खाकर भारत माता की जय भारत माता की जय भारत माता की जय. बच्चो मेरे पीछे बनोगे भारत माता की. भारत माता की. भारतमाता की जय या वंदे मातरम कहते हुए हंसते हंसते प्राण त्याग देते थे. कहते थे बच्चे अंग्रेजों को चला दो गोली सीना तानकर खड़े रहकर आंखों में आंखें डालकर इतनी निर्भीकता अंग्रेजों में आज के पहले किन बच्चों में नहीं देखी शायद उनके देश के बच्चे हो सकता है