10 Lines on Geeta Phogat in English 1) Geeta Phogat is an Indian female wrestler. 2) She won India's first-ever women's wrestling gold medal at the Commonwealth Games in 2010. 3) Geeta Phogat was born on 15th December 1988 in the Bhiwani district of Haryana (The land of Wrestlers). 4) Her father is Mahavir Singh Phogat. He is a former wrestler. 5) He is a recipient of the Dronacharya Award. He was the coach for Geeta Phogat. 6) She started her successful wrestling journey in the commonwealth wrestling 2009 championship. 7) Geeta Phogat was the first Indian female wrestler to have qualified for the Olympic summer games. 8) She was successful in many other championship competitions like the Asian wrestling championship. 9) Aamir Khan's film Dangal is based on the story of Geeta Phogat and her sister. 10) Geeta won the Arjun Award in 2012. Set 1 is helpful for students of Classes 1,2, 3, 4, and 5. 1. Geeta Phogat is an Indian anku tyle wrestler and the oldest daughter of
रामनवमी मनाने के पीछे क्या है इतिहास
हिन्दू धर्म में रामनवमी का विशेष महत्व है । कहा जाता है कि इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था । रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति होती है । इस दिन मां दुर्गा और भगवान राम की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है ।
तो चलिए जानते हैं रामनवमी पर्व का पौराणिक महत्व है, रामनवमी का त्यौहार बेहद ही खास होता है क्योंकि इस दिन धरती से पाप का अंत करणी और आदर्श राज्य की परिकल्पना को सच में बदलने के लिए भगवान श्रीराम ने छिन लिया था ।
इस दिन की महिमा इतनी खासे कि अगर रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम का स्मरण और विधिविधान से पूजा पाठ की जाए तो सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं ।
पौराणिक कथा हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार त्रेता युग में धरती से अत्याचारों को खत्म करने और धर्म की फिर से स्थापना के लिए भगवान विष्णु ने मृत्युलोक में श्रीराम के रूप में अवतार लिया । भगवान राम का जन्म चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र में और कर्क लग्न में अयोध्या में राजा दशरथ के घर हुआ । उनकी माता का नाम कौशल्या था ।
भगवान राम के जन्मदिन के रूप में रामनवमी का पर बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है । इस दिन देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । रामनवमी के साथ ही चैत्र नवरात्र का भी समापन होता है ।
रामनवमी चैत्र के हिन्दू कैलेंडर माह के नौवें दिन मनाई जाती है । इस दिन रामनवमी का पर्व धरती पर परमात्मा शक्ति के होने का प्रतीक है।
भगवान राम के जन्म लेने का असली मकसद रावण जैसे दुष्ट इंसान का विनाश करना था । इसलिए रामनवमी का उत्सव धर्म की शक्ति की महिमा । अच्छे और बुरे के बीच शाश्वत संघर्ष को दर्शाता है ।
सूर्यदेव की पूजा रामनवमी के दिन सूर्य देवता को भी नमन किया जाता है । सूर्य को शक्ति का प्रतीक माना जाता है । हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सूर्य को राम का पूर्वज भी मानते हैं । इसी के चलते रामनवमी की शुरुआत सूर्य देवता की प्रार्थना से की जाती है ।
कहते हैं कि ऐसा करने से सर्वोच्च शक्ति का आशीर्वाद मिलता है । अयोध्या में खासतौर से मनायी जाती है रामनवमी । जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था इसी वजह से यहां रामनवमी खासतौर से मनाई जाती है।
इस पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु धर्मनगरी अयोध्या पहुंचते हैं और पवित्र सरयू नदी में स्नान करते हैं।
इस दिन सरयू नदी में स्नान करने का महत्व रामचरितमानस में बताया गया है । इस दौरान अयोध्या की हर गली में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है । इस दिन बधाई गीत गाए जाते हैं । पूजा पाठ होते हैं ।
घरों मंदिरों में रामचरित मानस का पाठ होता है । आठ दिन तक चलते हैं उपवास नवरात्रि रामनवमी से पहले आठ दिन का उपवास किया जाता है । इन्हें चैत्र नवरात्रि भी कहते हैं ।
नवरात्रि का अर्थ है नोरा तो का समूह । वैसे तो नवरात्रि साल में दो बार आती हैं । शारदीय और चैत्र हिन्दू धर्म में इन्हें खासतौर से मनाया जाता है । चैत्र नवरात्रि को ज्यादा खास मानते हैं क्योंकि हिन्दु कैलेंडर का यह पहला दिवस होता है । हिन्दू लोग नए साल के पहले दिन से नौ दिन तक कोई भक्ति और आस्था के साथ चैत्र नवरात्रि मनाते हैं ।
इस दौरान मां दुर्गा के नौ अलग अलग रूप शैलपुत्री ब्रह्मचारिणी चंद्रघंटा कुष्मांडा स्कंदमाता कात्यायनी कालरात्रि महागौरी और नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है । इसी के साथ नौवें दिन रामजी की पूजा भी करते हैं । मान्यता है कि नौ दिन के दौरान मां दुर्गा धरती पर ही रहती हैं ।
ऐसे में अगर किसी शुभ कार्य की शुरुआत की जाए तो उस पर मां की कृपा जरूर बरसती है और वह कार्य सफल होता है । कहते हैं कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा का जन्म हुआ था और मां दुर्गा के कहने पर ही ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था ।
इसलिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिन्दू वर्ष शुरू होता है । नवरात्रि के तीसरे दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में जन्म लिया था और पृथ्वी की स्थापना की थी । चैत्र नवरात्रि में ही भगवान विष्णु का अवतार माने गए भगवान राम का जन्म हुआ था । इस दौरान महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है ।
वहीं आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में उगादी से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है । आठ दिन का उपवास रखकर नौवें दिन कन्याओं की पूजा कर उनका आदर सत्कार किया जाता है । मान्यता है कि भगवान श्रीराम जी ने भी देवी दुर्गा की पूजा की थी ।
शक्ति पूजा करने के बाद उन्हें धर्मयुद्ध पर विजय मिली । कहा जाता है कि इसी दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया था ।
इसलिए धार्मिक नजरिए से चैत्र नवरात्रि का खास महत्व होता है । इस तरह इन दो महत्वपूर्ण त्योहारों का एक साथ होना रामनवमी की महत्ता को और भी बढ़ा देता है ।
ThankYou Soo Much😎✌
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