Essay on Importance of examination in Hindi
परीक्षा का महत्व पर निबंध
"विद्यार्थी जीवन का है महत्वपूर्ण आधार,
परीक्षा का महत्व हमेशा रहेगा बरकरार।"
प्रस्तावना -
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में परीक्षा देने का अवसर अवश्य आता है। परीक्षा एक ऐसा अवसर है जब व्यक्ति की काबिलियत और मेहनत का पता चलता है।
सफलता हेतु परीक्षा देना अनिवार्य माना जाता है। विद्यार्थी जीवन के साथ-साथ लगभग हर क्षेत्र में हम परीक्षाओं का सामना करते हैं। परीक्षाएँ मौखिक या लिखित हो सकती हैं।
विद्यालयों और महाविद्यालयों में परीक्षाएं कराई जाती हैं। हमलोग अच्छी नौकरी पाने के लिए भी परीक्षाओं में बैठते हैं। यह माना जाता है कि परीक्षाएँ किसी के ज्ञान और अनुभव की जाँच का माध्यम होती हैं। परीक्षा का उद्देश्य श्रेष्ठता की पहचान करना होता है।
परीक्षा का महत्दम -
हम सभी के जीवन में परीक्षा का विशेष महत्व होता है। परीक्षा से हमें हमारी कमियों और हमारी ताकत के बारे में पता चलता है।
यह एक मित्र की भांति हमें सच्चाई से अवगत कराती है। बिना परीक्षा के शायद जिन्दगी में आगे बढ़ना बहुत कष्टदायक होगा। क्योंकि जीवन में किसी भी कार्य को करने हेतु योग्यता की आवश्यकता होती है।
बिना योग्यता के किसी भी कार्य को करना खतरनाक हो सकता है। परीक्षा आपकी योग्यता को परखती है। अगर परीक्षा में आप अच्छा प्रदर्शन नहीं
कर पाते तो ऐसे में आपके पास एक और मौका रहता है । खुद में सुधार करने का। इस तरह हम अपनी योग्यता का मूल्यांकन कर खुद को और बेहतर बना सकते हैं, जो हमारी आगे बढ़ने में सहायता करता है। परीक्षा हमारी काबिलियत को निखारने के कार्य करती है।
परीक्षाओं के बारे में विभिन्न धारणाएं -
परीक्षा के संबंध में कुछ लोग विश्वास करते हैं कि परीक्षाएँ छात्रों के ज्ञान को जाँचने की सर्वश्रेष्ठ पद्धति हैं।
यह छात्र और शिक्षक दोनों की ही श्रेष्ठता का आंकलन करती हैं। परीक्षाएँ विद्यार्थियों के बीच स्वस्थ प्रतियोगिता को प्रेरित करती हैं। विद्यार्थी अच्छे अंक पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। किंतु, कुछ लोगों का मत है कि परीक्षाएँ किसी की प्रतिभा को परखने की सही प्रणाली नहीं हैं।
वे छात्रों के मस्तिष्क पर नकारात्मक दबाव डालती हैं। फलस्वरूप कुछ विद्यार्थी अच्छे अंक पाने की लालसा से अनुचित तरीके अपनाते हैं। ऐसे में सच्ची प्रतिभा के प्रति अन्याय होता है। कुछ विद्यार्थी अच्छे अंक लाने के दबाव के कारण गलत कदम तक उठा लेते हैं। अतः दोनों ही धारणाओं को नकारा नहीं जा सकता।
उपसंहार -
परीक्षाओं के महत्व को सार्थक बनाने हेतु इनका सकारात्मक रूप से लिया जाना बहुत आवश्यक है। प्रत्येक विद्यार्थी दूसरे से भिन्न होता है।
अतः व्यक्तिगत योग्यता व रुचि का भी ध्यान रखना चाहिए। विद्यार्थियों पर अनुचित दबाव डालना गलत है। परीक्षाओं को अगर उचित ढंग से आयोजित किया जाए, तो प्रभावशाली अध्ययन को बढ़ावा देती हैं।
हमारे सामने किसी भी प्रकार की परीक्षा हो चाहे विद्यालय की या चाहे जीवन की, हमें पूरी ईमानदारी से देनी चाहिए। परीक्षा से घबराइए नहीं। परीक्षा में कोई असफल नहीं होता बल्कि ये तो एक और मौका देती है अपनी गलतियों को सुधारने और अपने व्यक्तित्व को निखारने का।
"परीक्षा तो व्यक्तित्व सुधारने का है साधन, माध्यम से इसके होता है योग्यता का मूल्यांकन।"
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THANK YOU SO MUCH
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